आनंद साहित्य:
अहमदनगर स्थित श्री रत्न जैन पुस्तकालय ज्ञान का एक प्रमुख भंडार है। यहाँ लगभग 25,000 पुस्तकों का विशाल संग्रह है, जो विभिन्न विषयों जैसे न्याय, व्याकरण, दर्शन, वेदांत, आगम पुराण, कुरान, उपन्यास, ज्योतिष, आयुर्वेद, तंत्र, आत्मकथाएँ, विश्वकोश और जैन धर्म से संबंधित अनेक ग्रंथों को समाहित करता है।
इसके अतिरिक्त, पुस्तकालय में एक विशिष्ट विशेषता है—यहां विभिन्न विषयों पर हस्तलिखित पांडुलिपियों का संग्रह भी है, जो लगभग 500 से 600 साल पुरानी हैं।
समय-समय पर प्रतिष्ठित संत, विद्वान और शोधार्थी इस पुस्तकालय का उपयोग करते रहते हैं। इसके अलावा, प्रकाशन विभाग नियमित रूप से अप्रकाशित पुस्तकों का प्रकाशन करता है, जिनमें पूज्य आचार्य भगवंत के प्रवचनों के संग्रह जैसे “आनंद प्रवचन” खंड 1 से 12, “आनंद की पगंडियाँ,” “भावना योग,” और अन्य कई ग्रंथ शामिल हैं।